
भगवान शिव ही महादेव हैं। शिवजी ही सोमनाथ, महाकाल उमापति और श्रृष्टि के रचयिता हैं। संपूर्ण सृष्टि की उत्पत्ति भगवान शिव ने ही की है।
भगवान शिव ही आदि और अनंत है। वे सूक्ष्म से सूक्ष्म परमाणु मे निवास करते हैं। वे निर्गुण निराकार परब्रह्म है। उनकी भक्ति करने मात्र से जीवात्मा को मोक्ष की प्राप्ति हो जाती हैं।
जब कोई भी जीव संसार के कार्यों में संलग्न रहते हुए भी निरंतर मन ही मन “ॐ नमः शिवाय” का जप अंतरात्मा में भजने वाले भक्त शिवजी को प्रिय हैं क्योंकि वे अपनें कर्मों से मूंह ना मोड़कर कर्तव्य की इतिश्री करते हुए भगवान शिव की आराधना में भी मस्त है।
एसे भक्त जो भगवान शिव की सच्चे दिल से भक्ती श्रध्दा पूर्वक करते हैं उन्हे ही शिवजी की उपस्थिति का एहसास शीघ्र से शीघ्र महसूस हो सकता हैं।
महादेव की छवियां
शिवजी का स्वरूप
भगवान शिव एक पुरुष के रूप में प्रतिनिधित्व करते हैं। भगवान शिव का गला और चेहरा नीला दर्शाया जाता है। क्योंकि भगवान शिव ने अमृतमंथन में संपूर्ण सृष्टि की रक्षा हेतू विष को अपनें कंठ में हमेशा के लिए धारण कर लिया था। बाकी उनका शरीर सफेद हैं।
भगवान शिव हमेशा ऊर्जा से भरे होते हैं। उनके शरीर के रोम रोम में यदि भक्त की भक्ति भावना से ओतप्रोत होकर उनके ओर देखने मात्र से ही भक्त महसूस कर सकते हैं positive ऊर्जा को।
भगवान शिव को जब भक्त संपूर्णता से स्वयं को भगवान शिव को समर्पित कर लेते हैं, संपूर्ण तन मन से surrender हों जाते हैं। ऐसे भक्तो की रक्षा भगवान शिव स्वयं करते हैं।
चाहें सारा संसार विरुद्ध हों जाए तो भी कुछ भी नहीं होगा भक्त का कोई एक बाल भी नहीं हिला सकता क्योंकि भगवान शिव का सुरक्षा कवच हमेशा साथ होता है।
भगवान शिव की विशेष विशेषताएं
अग्नि और जल का अद्भुत मिलन
- शिवजी ने एक तरफ़ सिर पर गंगा मां को वीराजमान कर रखे हैं वहीं दूसरी ओर त्रिनेत्र भगवान शिव की तीसरी आंख में अग्नि स्थित है। दोनो ही विपरीत है दोनो ही परिस्थिति में कोई समानता नहीं।
- कहने का तात्पर्य यही है कि भगवान शिव हम मानव जाति को यहीं संदेश देना चाहते हैं कि दो विपरीत परिस्थितियों में भी सामान्य रहने की कोशिश की जा सकती है।
- मनुष्य जीवन मिला ही हैं अपनें कर्म को पुर्ण करने के लिए, जीवन में हमेशा उतार चढ़ाव आते ही रहेंगे। विपरीत परिस्थितियों में भी बिना डगमगाये भावनाओ एवम practical life दोनो को balance करते हुए stable रहना है। सही समय पर सही निर्णय, या जो भी परिस्थिति है उसमे सय्यम रखते हुए जीवन में आगे कदम बढ़ाते रहना है।
- गले मे कोबरा सांप का हार कोबरा सांप संसार का सबसे विषैला नाग हैं जिसके केवल डसने से उसकेे जहर से मनुष्य की मृत्यु निश्चित है। फिर भी ये भगवान शिव के शक्ति का प्रतीक है। भगवान शिव ने भी प्रेमपूर्वक इसे गले में धारण कर रखे हैं।
- हम मनुष्य जाति को यहीं संदेश देना चाहते हैं कि यदि जीवन में कोबरा सांप जैसे विषैले लोग भी हों तो भी जिनकी आपके जीवन में उपस्थिति के कारण जीवन जहरीला होता जा रहा है तो भी धैर्य के साथ ऐसे लोगो के साथ बिना किसी पक्षपात के समय जो universe से निश्चित हुआ है ऐसे लोगो के साथ व्यतीत कर के कर्मों के चक्र को finish कर देना ही सबसे बेहतर विकल्प है।
- जैसे सांप अपनी पुरानी केचुली छोड़कर नई केचुली धारण करता है । वैसे ही मनुष्य को जीवन में आए ऐसे जहरीले लोगों के साथ निश्चित समय व्यतीत कर अपने पूर्व जन्म के प्रारब्ध कर्म समझकर समाप्त कर देना उचित है ताकि आगे आने वाले जन्म में हमारे soul को एक अच्छा जन्म मिले, जो की सुनहरा और खुशियों से भरा हो सकता है।
- बिना किसी भय के निर्धारित लक्ष्य पुरा करे भगवान शिव गले में इतना जहरीला सांप धारण करने के बाद भी वे हमेशा गहरे ध्यान की अवस्था में रहते हैं। वह भी बिना किसी भय के तो भगवान शिव हम मानव जाति को यहीं संदेश देना चाहते हैं कि की जीवन में कितनी भी कठिनाई आए हमने जो भी लक्ष्य निर्धारित किया है उसके ओर निरंतर प्रयास करते रहना चाहिए।
- मेहनत और विश्वास के बलबुते पर ही लक्ष्य पर विजय प्राप्त हो सकती हैं। आत्मबल कमजोर नहीं पड़ने देना चाहिए चाहें कितनी भी कठिनाई आए।
- भगवान शिव भी कभी भी गहरे ध्यान की अवस्था में ही रहते हैं एकदम स्थिर बिना किसी भी व्यवधान की ओर ध्यान दिए बगैर ख़ुद के ही अंतर्ध्यान में। इसी प्रकार हम मानव जीवन में आगे बढ़ ने के लिए लक्ष्य को हासिल किया जाना है ही मनुष्य का धर्म है साथ ही आत्म पवित्रता और शुद्धता बिना मालिन किए शिव आराधना के साथ।
भगवान शिव का हम हिंदुओं में परमात्मा का एक विशेष स्थान हैं हर हिंदू के हृदय और जीवन में। Space, time and dimensions इस संपूर्ण श्रृष्टि से परे हैं हमारे देवों के देव महादेव आदिशक्ति भगवान हैं।
भगवान शिव को परिभाषित करना असंभव है। वे हर जगह भी हैं । जो हैं भी नहीं भी हैं। भगवान शिव को इस सृष्टि के कार्यकर्ता, ब्रह्मांड का निर्माता, सहारक और परिवर्तनशील कर्ता माना जाता है।
वे सर्वव्यापी, सर्वशक्तिमान, सर्वविध्यमान, अपनें भक्तो पर जल्दी प्रसन्न होने वाले जो एक लोटा जल या एक बेलपत्र से भी खुश हो जाते हैं।
ॐ नमः शिवाय जपने से होने वाले मंत्रो का शुभ प्रभाव
- ॐ नमः शिवाय का अर्थ है मैं भगवान शिव को नमन करता हूं। भक्त की भक्ति में शुद्धता पवित्रा और विश्वास होना जरूरी है साथ ही घर पर या शिव मन्दिर मे शिवलिंग के सामने बैठकर रूद्राक्ष की माला से जाप किया जा सकता है।
- चलते फिरते अजपा जाप भी किया जा सकता है यथार्थ में दोनो ही फलित है। यदि 27 दिन तक नियमित रूप से जाप किया जाए तो एक तीर्थ या एक ज्योतिर्लिंग के दर्शन के बराबर फल की प्राप्ति हो सकती हैं। कुंडली में स्थित राहु दोष को भी जाप द्वारा मिटाया जा सकता है
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2. रोज शिवलिंग पर काला तिल दूध के साथ अर्पित करने से पुरानी सी पुरानी बीमारी से निजात पा सकते है व शनिदोष भी दुर हो सकता है।
ॐ नमः शिवाय का जाप करते हुए शिवलिंग पर दूध की धारा छोड़ते जाए। बाद में एक एक बेलपत्र भी चढ़ाते जाए और चढ़ाते हुए ये प्रार्थना करते जाय कि आपके सारे रोगों का शमन हों चूका है।
आपकी निरोगी काया हो चुकी है। यदि किसी ओर की health के लिए अर्पित कर रहें तो उनका नाम लेकर चढ़ाते जाए शिवलिंग पर। जल्दी ही शिवजी तक आपकी प्रार्थना पहुंचने से शिवजी वैसे भी बहुत भोले शंकर हैं भक्त के ऊपर बहुत जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं। आप जल्द ही रोगमुक्त स्वस्थ हो सकते हैं।
3. यदि खाना खाने के पहले थाली को छूकर ॐ नमः शिवाय का जाप करें फिर ग्रहण किया जाए तो निश्चित ही ऐसे भोजन पर महादेव ख़ुद कृपा बरसाते हैं।
या गृहिणी खाना बनाते वक्त ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करते हुए भोजन पकाए तो संपूर्ण भोजन अमृत के समान पवित्र और खाने वाले को रोगमुक्त , प्रफुल्लित कर सकता हैं। यदि ऐसा पवित्र भोजन परिवार रोज खाएं तो भोजन तो शीघ्र पचेगा ही साथ ही positive vibration से घर में सुख शांति समृद्धि आपस में प्यार भी बना रहेगा।
4. यदि भूमि भवन वाहन लेने में दिक्कत आ रही हैं या लें ही नहीं पा रहे हैं तो या सौदा होते हुए भी कई बार cancel हो जाता है तो ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप हों सके तो रोज ही दो या पांच माला अपनें निश्चित समय निश्चित स्थान पर ही करे और खुदका आसन अलग रखना चाहिए हमेशा।
माला से मंत्र जाप पुरा होने के बाद जो भी भूमि वाहन वस्तु लेने की ईच्छा रखते हैं उसका कुछ तो लिंक जैसे प्लॉट नंबर, या गाड़ी का नाम जो भी उचित लिंक आपकी समझ आए उसको प्रार्थना मे इस तरह जोड़िए।
ये प्लॉटनंबर (जो भी है) या ये वाहन मान लीजिए suzuki या फ्लैट नंबर जो फ्लैट आपकों पसंद है लेना चाहते हैं जोड़कर कर कहिए भगवान शिव अपकी कृपा से मै ये खरीद चूका हूं आंखे बंद ही रखे प्रार्थना के बाद ये सोचे कि imagine करे वह वस्तु चाहते हो वह कृपालु शिव आपकों दे चुके हैं और भगवान शिव ऐसे अपकी ईच्छा पुरी कर देंगे। शर्त यहीं है की अपकी ईच्छा सात्विक और ईमानदारी वाली ना की किसी से जोर जबरदस्ती वाली ।
देवों के देव महादेव भगवान शिव फिर ज़रूर इच्छित फल प्रदान कर सकते हैं।
5. मंदबुद्धि बच्चे या जो बच्चो का मन पढ़ने में नहीं लगता है या बच्चों की स्मरण शक्ति बढ़ाने के लिए भी उस बच्चे को सात सोमवार या बच्चा जानें योग्य नहीं हैं तो उसके mummy papa कोई भी शिव मंदिर में जाए।
हर सोमवार को शिव मंदिर में दीपक मे राई के तेल में काली उड़द के तीन दाने, एक फूल वाली लौंग, एक भीमसेन कपूर का छोटा सा टुकड़ा और एक चुटकी अबीर तेल में डालकर शिवलिंग के सामने जलाए।
अपनें बच्चे के बुद्धि विकास एवम ध्यान एकाग्रता के लिए प्रार्थना करें। भगवान शिव से सच्चे दिल से की गई प्रार्थना आपकों ज़रूर फलित हो सकती हैं।
ॐनमः शिवाय रुद्राय नमः
5. कोई विशेष काम नहीं हो पा रहा है रुकावट आ रही हैं। कोई negative energy के कारण परेशानियां आ रही हैं।
आपकों लग रहा है किसी ने टोना टोटका कर रखा है। उन्नति नहीं हो पा रही है मेहनत करने के बावजूद तो शिवजी के ये विशेष मंत्र है।
रोज सात माला 27दिन तक करे। यथोचित लाभ नहीं मिल पाया आप संतुष्ट नहीं हो तो पुनः सात माला 27दीन कर सकते है। चाहें तो रोज़ आगे भी continue कर सकतें हैं। आपकों उचित फल की प्राप्ति के बाद भी। अपके संकल्प अनुसार ईच्छा पुरी हों चुकी हैं तो शिवलिंग पर दूध जल से रुद्राभिषेक ज़रूर करवाए।
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मुझे आर्थिकसमस्या हैं क्या करु?
Hreem Om namah shivay hreem
ह्रीम ॐ नमः शिवाय ह्रीम
जपिए ये सिद्ध मंत्र 🙏🖕 इस video में आर्थिक स्थिति से जूझ रहे सभी भाई बंधु के लिए सिद्ध मंत्र है जिसे आप नियमित जपेंगे तो अवश्य लाभान्वित होंगे क्योंकि इस मंत्र जप से कई लोगों की आर्थिक समस्या सुदृढ़ हुई है ।
रोज एक माला नियमपूर्वक कीजिए आस्था और श्रद्धा विश्वास के साथ जरुर आपकी financial problem solve होगी। धन अर्जित करने के भी रास्ते खुलेंगे।
आप भी आपकी आर्थिक समस्या दूर करना चाहते हो तो ये मंत्र जप जरूर करिए। ईश्वर आपकी हर मनोकामना पूर्ण करे।
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असाध्य रोग नाशक मंत्र 🙏🖕
ॐ shiv taray ॐ शिव तराय
ये मंत्र भी सिद्ध किया हुआ हैं एवम कई लोगों ने आजमाया भी हैं। कई बार सालों से इलाज कराते रहने के बावजूद रोगों से मुक्ति नहीं मिल पाती।
यह सर्वरोग नाशक मंत्र सिद्ध किया हुआ हैं। आपको भी निरंतर कोई ना कोई health issues होती रहती हैं। आए दिन बीमारी घर में लगी रहती हैं। Dr और दवाई आपके घर का रास्ता नहीं भूलते इस मंत्र जप को श्रद्धा विश्वास से करिए जरुर फलित होगा।
कई बार रोगी भी परेशान हो जाता हैं रोगो को झेलते हुए और दवाइयां खा खा कर। ऐसे ही पीड़ित लोगों ने ये मंत्र जप किए हैं और उन्हें रोगों से छुटकारा भी मिला है यदि आप को भी इसी तरह की समस्या है तो आप भी मंत्र जप नियमित करिए या रोगी खुद करने में असमर्थ है तो उनके बदले कोई और भी उनके लिए ये मंत्र जप कर सकते फिर देखिए चमत्कार रोगी कैसे कुछ ही दिनों में निरोगी हो सकता है। पहले आजमाए फिर हमसे शेयर करें आपके experience.
Conclusion
इसमें उपायों के साथ आपकी हर समस्या का समाधान बताया गया है। साथ ही देवों के देव महादेव क्यों है सर्वोच्च जानिए कारण आदिशक्ति भगवान शिव की सभी विशेषताओं को वर्णित किया गया है।
भगवन शिव ने जो कुछ भी धारण किया है उस के पीछे कुछ ना कुछ मानव जाति को संदेश दिया गया है।