हम आजकल रोज की दिनचर्या में सहजता से कई बार झूठ कह देते हैं दूसरो से क्या हम खुदसे ही। यह हमारी आदत सी हो गई और हम भी इस आदत के आदि हो चुके हैं। दोस्तों आपको पता है कि इसका सबसे भारी नुकसान किसे झेलना पड़ता है झूठ बोलनेवाले को। खुदसे रोज कई वादे करते हैं और तोड़ भी देते हैं। अध्यात्मिक दृष्टि से देखा जाए तो झूठ आपके चक्र भी block कर सकता है और यहां तक कि financial भी down 👎 हो सकते हो। पर कई लोगों को यकीन नहीं हो रहा होगा financial block कैसे? झूठ का संबंध हमारे बोलने से यानी की मुख से यानी throat chakra या विशुद्घि चक्र और throat chakra Root chakra से direct connected है। Root chakra हमारा financial growth के लिए हैं। अब भी कई लोग झूठ की नाव में बैठकर दुनिया की जंग जीत गए होंगे और जीत भी रहे हैं आगे भी जीतेंगे पर कब तक? एक ना एक दिन झूठ को सच पछाड़ कर मार गिराएगा ही और हर बुराई का अंत बुरा ही होगा।

झूठ और सच
आपसे एक बात सच कहूं आप के मुख से निकला हुआ हर शब्द एक मंत्र है और उससे पहले आप जो भी सोचते है या जो भी विचार आपके अंतर्मन में विद्यमान होते रहते हैं। ये सारे शब्द ब्रह्मांड में एक हकीकत एक सच्चाई का रूप धारण कर लेते है और यही शब्द और आपके अंतर्मन के विचार ऊपर ब्रह्मांड में विचरण कर आपके लिए एक आवरण सा तैयार करते हैं।
ये आवरण ही आपके जीवन में होने वाली अच्छी और बुरी घटनाए हैं। तो अब आप ही सोचिए जो भी आपके जीवन में होता है उसका जिम्मेदार कौन? इसकी शुरुआत हुई कहा से? इसलिए कहते है की आप दूसरों से भी और उससे ज्यादा हम खुदसे ही ज्यादा बातें करते हैं।
कई बार चलो मान लिया मजबूरी थी दूसरों से झूठ बोलना हमारी कोई मजबूरी रही होगी पर हम तो झूठ खुदसे से रोज हर वक्त कई बार कहते है और हमेशा कर देते है
let go
क्योंकि हमे रोज आदत हो चुकी हैं खुदसे झूठ कहने की। खुदको झूठी तसल्ली देने और खुदसे झूठे वायदे करने और ना जानें क्या क्या? तो दोस्तों जैसे हमारे शब्द चाहे हमारे अंदर बने या बाहर या चाहे वो सच हैं या झूठ और आपने उसे दिखावा के लिए कहे ये सब बातें universe के लिए कोई मायने नहीं रखती।
आपके मूंह से निकला और वह universe मे छप गया और वह होकर ही रहता।
अरे जनाब आप तो क्या क्या कहकर भूल जाते हो पर universe में सब recorded है सब आपकी बातें और बाद मे आप स्वयं ही confused 🤔 रहते अरे मैं इतनी मेहनत कर रहा हूं सफल क्यों नहीं हो रहा वगेरह वगेरह बहुत कुछ। तो घूम फिर कर सारी बातें आपकी ही आप पर ही लागू होती है। ना खुदसे झूठ बोले और जो कहते हैं करे भी या नही कर सकते है तो कहे भी नहीं मन ही मन में भी नही so please

झूठ असत्य
दोस्तो आप मेरी बात मानो या ना मानो पर ये बात उतनी ही सच हैं जितनी दुनिया मे चांद सूरज।
नहीं नहीं मैं किसी पर कोई blame नहीं लगा रही हूं सच कह रही हूं देखिए आप मेरी बात ध्यान से समझने की कोशिश करे कैसे?
Universe मे सबसे पहले आपके शब्द यानि कि आपके विचार ही जाते है action तो आप बाद में करते हैं। पर आपने अलग विचार बनाए और action अलग किए तो universe मे आपके शब्द है वह अपने पूर्णतः अपनी शक्ती खो देते है। हकीकत में जब आप को कुछ सफलताएं हासिल करने का वक्त आता है तो ब्रह्मांड में आपके झूठ शब्द विचरण कर रहे होते वह ही अवरोधक का कार्य करते और आपकी मेहनत भी विफल हो सकती हैं।
यह पतंजलि का दूसरा नियम है यम झूठ नहीं कहना कभी भी, असत्य ना कहना। पतंजलि मे यहीं कहा गया है कि आप जो कहते हो वहीं करिए और जो नहीं करना चाहते ना वह कहे ना भीतर मन और ना ही बाहर किसी और से।
यदि आपने इस तरह से खुदसे से तालमेल बैठा लिया तो आप शक्ती को बलवान और मजबूत कर रहे हो वहीं अपने शब्दो का उपयोग और चयन सावधानी से किए और अपने कहे अनुसार ही कार्य करते है तो आपको वाक सिद्धि की प्राप्ति हो सकती हैं। पतंजलि कहते है यदि आप ने इस गुण मे महारत हासिल कर ली तो वास्तविकता में आपके हर शब्द मे सत्य घटित होने की शक्ती उत्पन्न हो जायेगी और वह सत्य होकर रहता है।
हर शब्द मे वास्तविकता पैदा करने की शक्ती होती हैं यहां तक कि ब्रह्मांड को आपके शब्दों के साथ संरेखित करने के लिए खुदको पुनर्व्यवस्थित करना होगा। संतो द्वारा किए गए चमत्कारो के पीछे यहीं रहस्य छुपा है। जब वे किसी को ठीक करते है और उनके कहने में शब्दो में इतनी सत्यता और पवित्रता होती हैं कि वे लोगों के जीवन को ही बदल कर रख देते है।

जब आप जीवन में सत्यता को स्थापित करते है तो ब्रह्मांड की शक्ती भी ऐसे संतो का हमेशा साथ देती हैं और आपके हर शब्दो को मंत्र में परिवर्तित कर देती है। आपसे कहा गया हर शब्द मंत्र बनकर सत्यता मे परिवर्तित होने की अनुभूति होती हुई दिखाई देगी फिर आप समझ पाओगे कि आज तक आपने कितनी मूल्यवान वस्तु की कद्र नहीं की।
झूठ झूठ को छोड़कर वाकसिद्धि की प्राप्ति
चलिए आईए अब तो जो हुआ सो हुआ अब आपको इस चक्रव्यूह से कैसे निकले वह भी उपाय बताती हूं बस आपको simple सी practice करनी है रोज झूठ नहीं कहना है किसी से भी पर कैसे संभव?
शुरुआत मे इस गुण के अभ्यास करें शब्दो माप तौल कर ही कहे और हर शब्द का इस्तेमाल होशपूर्वक करे । मान लीजिए आप किसी से कहते है कि मैं पांच मिनट में पहुंच रहा हूं तो पांच मिनट में ही पहुंचिए यदि नहीं पहुंचोगे तो सत्य कहे जो भी हो इसी प्रकार रोज की दिनचर्या में practice से सत्य ही आपका हथियार बन जायेगा जीवन जीने का और आपको वाक सिद्धि की प्राप्ति होकर रहेगी।
Conclusion
दोस्तों मेने वाकसिद्धि कैसे प्राप्त करें वह बताया है जो कि मेरा खुदका अनुभव है और यह सत्य मे होता है आप भी आजमा कर देख लीजिए इस कलयुग में यह होना बिलकुल संभव है।
nice post
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