जब भी शरीर मे एलर्जी का problem होता तो अक्सर हर रोग के पीछे कुछ न कुछ भावनाएं जरुर होती हैं और ये भावनाएं और विचार मस्तिस्क मे continue non stop चक्रव्यूह की तरह गोल गोल घूमते रहते तो ये तरंग ये ऊर्जा blockage मे परिवर्तित होने से इनसान की रोग प्रतिकारक शक्ती भी कमजोर पड़ने लगती हैं। जिससे प्रदुषण या किसी भी कारण से श्वास प्रणाली पर effect पड़ने से व्यक्ति allergy जैसे रोग का शिकर बन सकता हैं।

एलर्जी एलर्जी
जहां तक मेरा अध्यात्मिक अनुभव है ये रोग विशुद्धि चक्र या throat chakra और मूलाधार चक्र या root chakra block होने से हो सकता हैं। चक्र का ब्लॉक होना भी कर्म पर निर्भर करता है इसमें खुदके स्वास्थ का ध्यान नहीं रख पाना भी और खुश नहीं कर पाना भी है।
धूल मिट्टी, प्रदुषण, कोई भी खाद्य पदार्थ, कोई रंग, कोई भी जीवाणु या बैक्टीरिया जैसे किसी भी चीज के संपर्क मे आने से ही हों सकता हैं कहने का तात्पर्य यही है जैसे जिसकी प्रतिकार शक्ती वैसे उसे बाहरी वस्तुएं प्रभावित कर सकती हैं।
एलर्जी के लक्षण सर्दी कफ, नाक बहना, सांस लेने में दिक्कत, skin पर लाल चकते जैसे होना या rashes, खुजली आना, सूजन ऐसे कई और भी लक्षण हो सकते है।
Allergy से बचाव के लिए क्या कर सकते है?
जिस चीज की allergy है उन सब चीजों के संपर्क में आने से बचे पर ऐसा कब तक करेंगे क्युकी allergy का तो किसी किसी को बहुत ज्यादा ही problem हो सकता हैं तो एक कोशिश ये भी करे emotionally खुदको clean करने की।
भावनाओ जो दबी हुई है उसे अपने मन से निकाल कर free करिए कैसे करना है यह मैंने दूसरे blogs में लिखा है। ( कहा भी ना जाए सहा भी ना जाए (क्रोध))।
साफ सफाई का भी विषेश ध्यान रखिए खुदके शरीर का भी और घर में जैसे बिस्तर, गालीचे, तकिए इत्यादि। गंदगी से भी मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ता हैं और शारीरिक स्वास्थ भी बिगड़ता है। घर में जमी धूल मिट्टी के कण सांसों और स्किन द्वारा शरीर में प्रवेश कर जाते है।
जिस इनसान से आपको लग रहा दबना पड़ रहा ऐसा आपको लग रहा है यदि आप सच्चे हो तो बिना घबराए उन्हें प्रेम से अपनी बात समझाए माने तो ठीक नहीं तो universe से यह प्रार्थना कर सकते है कि मैने इस बंदे को माफ कर दिया है। अब इनकी पीड़ाओं से मुक्ति दे अब ये जो कुछ भी कहे इनके शब्द इन्हे ही लौटकर जाए। खुदसे कहिए मैने खुदको मुक्त कर दिया है और मैं खुले आकाश में एक पंछी की तरह पंख फैला कर उड़ रहा हूं।just imagine also and feel you are actually flying.
यह सब आपको एक जगह शांति से जमीन पर बैठना है क्योंकि धरती मां अपने अंदर सब समा लेती हैं बिना आसन या कुछ भी लिए direct जमीन पर। आंखे बंद करनी है फिर प्रार्थना करनी है और इसके पहले कोई breathing techniques भी करनी है। ( Breathing techniques for relaxation swahaam के session में ही सीखा सकते)
अपने घर को हवादार रखिए रोज ताजी हवाएं घर में प्रवेश होने दीजिए यानी रोज हर कमरे की खिड़कियों को खुला रखे। घर का ventilation system भी सुधरेगा और घर से negativity भी बाहर निकल सकती हैं।
stress management करे, खुदको depression में नहीं जानें दे क्युकी शरीर की जो सफेद कोशिकाएं है जो शरीर की रक्षा करती हैं कमजोर पड़ने से रोग तुरंत पकड़ सकता हैं।
अत्यधिक ठंड या गर्म वातावरण में या उच्च या निम्न तापमान में ना रहें और ना ही ठंडे, तीखे तले पदार्थो का सेवन करे और स्विमिंग पुल मे भी क्षमता अनुसार ही swim कर सकते है।
रोजाना तरल पदार्थ, पानी या गर्म चाय या पानी पिए।
भाप ले सकते है और सिकाई भी कर सकते है। यदि छाती में कफ या बलगम बन गया हो तो।
एलर्जी उपचार



साफ सफाई के लिए रोज स्वच्छ और एलर्जी से निजात पाने के लिए यह साबुन का भी इस्तेमाल कर सकते है।

skin allergy मे चंदन का लेप या एलो वेरा जेल भी लगा सकते है।
self healing कर सकते है आंखे बंद करके ॐ…. ॐ…. का उच्चारण कीजिए। बोलते हुए गले पर स्पर्श करते जाए, चेहरा पर ताकि positive energy से healing हो और पीड़ा से मुक्ति मिल सके।
Skin allergy में नारियल तेल भी लगा सकते है जहां पर लाल चकते हुए हैं वहा ताकि ठंडक महसूस हो।
Home Remedies
Home Remedies सिर्फ mild attack मे ही उपयोगी है यदि मरीज को severe attack’ है तो हॉस्पिटल में admit करना ही उचित है डॉक्टर के देखरेख में सही उपचार हेतु।
एक लहसुन की कली को छीलकर कर कूट लें फिर इसमें एक चम्मच शहद मिलाकर मरीज को दिन में दो बार दे सकते है गले में सूजन और संकुचित श्वसन नली के लिए।
10 तुलसी के पत्ते का जूस एक चम्मच शहद के साथ मिलाकर दिन में तीन बार ले सकते हैं।
प्याज का रस और शहद भी ऊपर बताए तरीके से लिया जा सकता हैं।
पिप्पल, आवला, और सौंठ तीनों को समान लेकर शहद या मिश्री मे गाय का घी मिलाकर ashtmetic mild attack के लिए अच्छा results देखने में आया है।
कफ मे पिपल को सेंधा नमक मिलाकर लेने से साथ मे अदरक का juice मिलाकर सात दिन तक लगातार पीने से राहत मिल सकती हैं।

Ayurvedic Remedies
Please note everyone
मैं यहां पर कुछ आयुर्वेदिक उपचार बता तो रही पर मेरी यहीं सलाह है कि आपके डॉक्टर को बताकर और डॉक्टर की सलाह से ही लिया जाए।
Vasa kantakari lehyam दो चम्मच गरम दूध के साथ
Dab Dama liquid dabur company का 6 से 15 ड्रॉप्स तक लिया जा सकता हैं पर यह मरीज की उम्र और मरीज की बीमारी की अवस्था के उपर निर्भर करता है कितना ड्रॉप्स तक ले सकते है।
नियमित रूप से मरीज को रोज चवनप्राश देना शुरू कर दीजिए यह एक विटामिन सी का एक अछा स्त्रोत भी है दूध के साथ रोग प्रतिकारक शक्ती बढ़ाने के लिए।
Agastya rasayan गले में congestion, नाक बह रही है या नाक बंद हैं या इस तरह की परेशानी उपर बताए प्रमाण मे वैसे ही ले सकते है।
क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए
सभी शीत पदार्थ जैसे ice creams, दही, कोल्ड ड्रिंक्स, अन्य ठंडे पेय पदार्थ या milkshake का सेवन पूर्णतः बंद कर दिया जाए।
मरीज को जिन चीजों से एलर्जी है वह सभी चीजे
यदि तबियत बिगड़ी हुई है तो ही दिन में सोये अन्यथा दोपहर को सोने की आदत त्याग दिया जाय।
उष्ण पदार्थ जैसे लहसुन, अजवाइन, हींग और गर्म पानी का सेवन cough, digestion improvement के लिए खाने में बढ़ा सकते है।
रोज स्नान भी गर्म पानी से करना चाहिए चाहे कोई भी मौसम क्यों न हों
ठंड के मौसम में खुदके शरीर को गर्म कपड़ों से ढककर बचाकर रखना चाहिए।
Conclusion
एलर्जी जैसी बीमारी कह सकते है पर उसका जुड़ाव कही ना कही भावना या insecurity या खुदको ही दबाने की भावना से भी हो सकती हैं जो कि subconscious mind में दबी रहती जो कि रोग के रुप मे बाहर विस्फोटित हो सकती हैं। साथ ही मेने अध्यात्मिक तरीके से भी खुदको कैसे बदला और बचाया जा सकता हैं बताया हैं। मैने पूरी कोशिश की हूं अच्छे से आप तक बात पहुंचे और समझे, आपको कैसे लगा जरुर comments करके बताइए।
हमेशा खुश रहिए और स्वस्थ रहिए
जय श्री कृष्ण राधे कृष्ण 🙏🙏🙏🙏
ॐ नमः शिवाय 🙏🙏🙏🙏