रूद्राक्ष साक्षात भगवान शिव का स्वरूप हैं रूद्राक्ष को माला या bracelet में शरीर पर धारण किया जाता हैं। रूद्राक्ष को धारण करने वाले व्यक्ति को हमेशा ही भगवान शिव के सानिध्य में सुरक्षित रहता है साथ ही इनका आत्मबल इतना प्रबल हो जाता हैं कि ये किसी भी मुसीबत में डरते हैं न ही घबराते बल्कि शांति और सोच विचार कर मार्ग निकाल ही लेते है। जय शिव शंकर 🙏🙏🙏🙏🙏

रूद्राक्ष के फायदे
रूद्राक्ष धारण करने वाले व्यक्ति को कोई भी रोग नहीं सताता और उसे भगवान शिव की ओर से निरोगी काया का आशीर्वाद प्राप्त हुआ रहता है। इसीलिए ऐसा व्यक्तियों का जीवन स्वस्थ और आनंदमय होकर गुजरता है।
रूद्राक्ष धारण करने वाले व्यक्ति दूसरो का सम्मान करते भी हैं और दूसरों से सम्मान पाते भी है। सहज ही लोग उनकी ओर आकर्षित हों जाते है क्योंकि रूद्राक्ष की पवित्रता धारण करने वाले को भी पवित्र और शुद्ध कर देती हैं। इनकी यहीं positivity लोगो को आकर्षित करती है।
हमारे हिंदू सनातन धर्म में ये मान्यता है कि रूद्राक्ष हम मानव जाति के लिए इस पृथ्वी पर एक अमूल्य उपहार है। भगवान शिव की ओर से और रूद्राक्ष सौभाग्य, समृद्धि, सफलता, वित्तीय लाभ मे उन्नत्ति तो करता ही है साथ ही बुरी शक्तियों से बचाव के लिए एक सुरक्षा कवच का काम करता है।
Scientist ने भी यह prove कर दिये हैं कि रूद्राक्ष केवल अध्यात्मिक उपयोग या अध्यात्मिक उन्नति के लिए नहीं बल्कि medicine के लिए भी उपयोगी है। Rudrash therapy से कई बीमारियो से निजात मिलती हैं तथा ये physically, emotionally, mentally हर तरह से balance भी करता है।
यदि रूद्राक्ष को विषेश विधि विधान से घरों में स्थापित किया जाए तो इसमें से निरंतर निकलने वाली ऊर्जा घर में प्रवाहित होने से यह वास्तु दोष, गृह दोषो एवम गृह क्लेश साथ ही नक्षत्र दोषों को भी दूर करने की क्षमता रखता है।
रूद्राक्ष therapy और healing powers के तरीके को दोनो को एक साथ जोड़कर उपयोग किया जाए तो किसी भी रोगी को रोग दूर किया जा सकता हैं। यह मानसिक तनाव को दूर कर सकता है और शारीरिक ऊर्जा को बढ़ाता जिससे साधक को नवजीवन की प्राप्ति हो सकती हैं। यह आत्मबल, बुद्धि बल को बढ़ाता है intution को strong भी बनाता है जिससे साधक का self confidence भी उच्च स्तरीय बन जाता हैं।
यह मस्तिस्क की तरंगों को और body की सभी nervous system को, glandular organs और सभी body systems को balance करता है जिसके कारण साधक को दिल और दिमाग़ में सुकून और शांति महसूस होती हैं। यह दिल में दबी हुई सभी नकरात्मक विचारो को निकाल दिया करता है जिससे साधक का दिल पवित्र निर्मल और कोमल हो सकता है। साधक के चरित्र और स्वाभाव में बदलाव आ सकता हैं साथ ही क्रोध का ज्वालामुखी उबलता रहता हों तो क्रोध भी शान्त हो सकता हैं।
रूद्राक्ष की माला से भविष्य की जानकारी भी प्राप्त की जा सकती हैं यह एक विधि हैं जो आप किसी योग्य जानकर गुरु से भी सिख सकते है। रूद्राक्ष में स्वयं ही इतनी ऊर्जा स्थापित होती हैं कि यह cosmo electro magnetic field and radiation का प्रवाह होने से यह कोई भी रोग से संबंधित या भविष्य हेतु जानकारी के लिए प्रश्नावली की जाती हैं तो यह pendulum की तरह गति पकड़ता हैं और साधक को उत्तर की प्राप्ति हो सकती हैं। पर इसके गति और दिशा निर्देश को समझना बहुत जरूरी है तभी सही निर्णय पर पहुंचा जा सकता है।
रुद्राक्ष के फायदे जानकर आपको कैसे लगा भला ऐसी जानकारी कहीं आपने पढ़ी भी है यह सब मेरी आध्यात्मिक राह पर चलते हुए जो अनुभव है वह मैने share किया है।

रूद्राक्ष और रूद्राक्ष
Faceless रूद्राक्ष सबसे powerful माना जाता हैं पर ये मिलना बहुत ही दुर्लभ हैं।
सिर्फ एक चतुर्मुख रूद्राक्ष यानी चारमुखी रूद्राक्ष और सिर्फ एक शमुख रूद्राक्ष यानी छः मुखी रुद्राक्ष को तांबे के तार से बांधकर लाल या काले धागे में पिरोकर विधिवत् जैसे मेने ऊपर बताया पहना जाय तो अध्यन के क्षेत्र मे, बुद्धि में वृध्दि कर तीव्रता बढ़ाता है साथ ही याददाश्त को तेज कर concentration level को भी बढ़ाता है।
बिच्छू या ऐसे जीव जंतु के काटने पर उसका जहर उतारने हेतु पंचमुखी रुद्राक्ष को नींबू के रस में पीसकर उसका लेप बनाकर डंक वाले स्थान पर लगाया जाता हैं तो दर्द में भी राहत मिल सकती हैं साथ ही धीरे धीरे जहर का प्रभाव भी कम हो सकता हैं।
जो व्यक्ति रूद्राक्ष को पानी में डुबोकर रखता है कम से कम बारह घंटे तो भी फिर इस जल को ग्रहण करता है तो उसे गंगा जल पीने के समान आत्मसंतुष्टि और पुण्य की प्राप्ति हो सकती हैं।
रूद्राक्ष धारण करने में कोई भी भेदभाव नहीं है ना ही जात पात, ना ही स्त्री पुरुष और ना ही उम्र , ना ही देश इसे कोई भी धारण कर सकता है और 40 दिन से लेकर 90 दिन तक रूद्राक्ष के positive results देखने को मिल सकते है।
रूद्राक्ष धारण करने के बाद इस बात का ध्यान रखें रूद्राक्ष माला को sex करने के वक्त या किसी की शव यात्रा या महिलाए माहवारी के वक्त ना पहने।
रूद्राक्ष आपके जीवन में आने वाली दुर्घटनाओं से आपकी रक्षा करता हैं और ऊपरी बाधाए, भूत प्रेत, काला जादू इत्यादि में आप को बचाने के लिए aura के चारो तरफ एक protection sheild का काम करता है। यह अकाल मृत्यु को प्राप्त होने नही देता।
रूद्राक्ष को दूध के साथ उबालने पर दूध एक medicine की तरह कार्य करता है एक रूद्राक्ष को 40 दिन तक ही इस्तेमाल किया जा सकता हैं औषधि के लिए फिर इसे दूसरे रुद्राक्ष से replace कर सकते है।
यदि रूद्राक्ष को ऐसे ही रखा हुआ रहता हैं बिना कोई मकसद के या कोई भी जब इसे use ही नहीं करता है तो यह अपनी शक्ती खो देता है। इसकी उर्जा पूर्णतः universe से कट जाती हैं यदि तीन साल तक कुछ भी मंत्रजप नहीं हुआ तो इसीलिए रुद्राक्ष लाकर जरुर उपयोग में लाए अन्यथा हानि आपकी ही है।
घर के पूजा स्थान में भगवान की तस्वीरों पर या देवी देवताओं की मूर्तियों पर रुद्राक्ष माला से सजाया जा सकता हैं इससे आपके घर मे भी cosmic energy प्रवाहित होती रहेंगी हमेशा और रूद्राक्ष की ऊर्जा भी बरकरार रहेगी।
देखने में तो यहीं आता हैं कि कोई भी रुद्राक्ष एक जैसे similar दिखते ही नहीं है बल्कि सबके shape, size, colours सबकुछ अलग है। रूद्राक्ष धारण करने से अध्यात्मिक उन्नति तो होती ही है साथ कुण्डलिनी जागृत करने में भी आसानी हो सकती हैं।
रुद्राक्ष की माला पहनने के बाद माला की साफ सफाई का भी ध्यान रखना चाहिए क्योंकि रोज पहनने से इसपर पसीना मैल और बाहर की धूल मिट्टी इत्यादि भी चिपक जाती हैं जिससे रुद्राक्ष के छिद्र बंद होने से यूनिवर्स से इसका connection ठीक से नहीं जुड़ पाता और हमे जितनी positive energy मिलनी चाहिए वह नहीं मिल पाती। ज्यादा नहीं कम से कम हर छह माह में रीठा या टूथपेस्ट से ब्रश लगाकर आसानी से साफ किया जा सकता है।
रुद्राक्ष और रूद्राक्ष में रूद्राक्ष की जानकारी कैसी लगी जरुर comments करके बताए और भी मंत्र और अध्यात्म की जानकारी इसी website पर और भी blogs है जो कि आपके जीवन बदलने की क्षमता रखते वह भी पढ़िए।
खुश रहिए मस्त रहिए भगवान शिव के सानिध्य में
ॐ नमः शिवाय🙏🙏🙏🙏👍