श्री कृष्ण के विचार छोटे छोटे
पुरषार्थ और भाग्य दोनो साथ चलते हैं सारी दुनिया में ये अटल सत्य है कि जो व्यक्ती पुरषार्थ या मेहनत करते है उन्हें उनका फल निश्चित ही मिलता है।
पर कभी कभी किसी के साथ ऐसा भी हो सकता है कि लाख मेहनत के बावजूद कड़ी मेहनत का उचित मूल्य नहीं मिल पाता ऐसे अवस्था में मजबूरीवश इन्सान अपने भाग्य को कोसने लगता हैं और इसे ही अपना दुर्भाग्य मान बैठता है।
पर आप एक आध्यात्मिक व्यक्ती की दृष्टि से देखेंगे तो वह भी कृष्ण की भक्ति में आस्था रखनेवाले वे ना भाग्य मानते ना दुर्भाग्य क्योंकि कृष्णभक्त अच्छे से जानते है की जीवन में जो कुछ हो रहा अच्छा ही हो रहा है श्रीकृष्ण की इच्छा से ही हो रहा है।
उन्हे ये संपूर्ण विश्वास है कि उनसे बेहतर उनका हित किसमे है ये श्रीकृष्ण जानते हैं । भक्त ये भी अच्छे से जानते है और मानते हैं कि जीवन में दुःख भी आ रहे हैं तो ये भी श्रीकृष्ण की ही लीला है और श्रीकृष्ण उन्हें दुखों को सहन करने और सामना करने की शक्ति भी श्रीकृष्ण ही हमे देंगे इसीलिए ये बात भी समझ लीजिए आप👇

श्री कृष्ण कहते हैं कि मानव जन्म इसलिए हुआ हैं ताकि हमारे जो जन्मों के कर्म इकट्ठा कर रखे हैं वह समाप्त हो सके और हमे इस जन्म मरण के चक्रव्यूह से मुक्ति मिल सके। हर आत्मा पवित्र और शुद्ध होकर मोक्ष मार्ग पर चल सके। इस पृथ्वी पर हर soul का जन्म लेने का यही उद्देश्य है ।
पृथ्वी पर हर soul को एक शरीर की प्राप्ति होती है और वह मनुष्य योनि में जन्म लेकर कोई ना कोई उद्देश्य की पूर्ति के लिए ही जन्म लेता है। उद्देश्य हेतु हर एक को जीवन में संघर्ष भी करना पड़ता है।
संघर्ष ही जीवन यह बात भी आप अच्छे से समझते भी होंगे। जिसने जीवन में संघर्ष ही नहीं किया तो उसने क्या पाया फिर? श्री कृष्ण की ये बात अच्छे से समझ लीजिए आप भी 👇

श्री कृष्ण सुविचार ज्ञान की बात
भाग्य और सौभाग्य यह एक सामान्य व्यक्ती की सोच हैं क्योंकि कृष्ण भक्ति में डूबा हुआ इन्सान तो कर्म करने में भी कृष्ण की आराधना समझता है। भाग्यवान व्यक्ती तो अपने किए हुए अच्छे कर्म के बदले में सुख का आनंद लेता है।
कृष्ण भक्त का तो श्री कृष्ण की कृपा से अपने पूर्व जन्म में किए हुए कर्मो को भी पूरा समाप्त कर और नए पवित्र कर्मो का निर्माण कर श्रीकृष्ण के शरण में जाकर खुद को सुरक्षित समझता है।
इसलिए श्री कृष्ण के शरणागत होना ये भी एक सौभाग्य की बात है। आप भी श्री कृष्ण के शरण में जाना चाहते हो तो ये आध्यात्मिक गूढ़ की बात समझते होंगे👇

कर्म क्या हैं? क्या कर्म की बात जो बड़े बड़े आध्यात्मिक बाते करने वाले लोग कर्म की परिभाषा को कर्म कहते हैं। क्या आप जानते हैं कि हम दिमाग में कुछ सोचते हैं वह भी एक कर्म हैं?
बल्कि मैं तो कहूंगी कोई भी अच्छे और बुरे कर्म की शुरुआत दिमाग से ही होती हैं। कोई भी अच्छे या बुरे कर्म की उपज हमारा यह दिमाग ही है! क्यों हैं सच ये बात? आप भी मानते हैं कि नहीं? सुनिए श्री कृष्ण भी क्या कहते है 👇

Conclusion
श्री कृष्ण भगवान की यह Best Lord Krishna Quotes in Hindi with images श्री कृष्ण जी के सुविचार आपको सच्ची लगे और पसंद भी आई होंगी। एक सच्चे भक्त की सच्ची आराधना पर वे प्रसन्न होकर हमेशा साथ रहते और आजीवन भक्त को मार्गदर्शन देते रहते । एक साधारण हम जैसी जीवात्मा को और क्या चाहिए।
आपको कैसे लगा pls जरूर से comments कर बताए।
जय श्री कृष्ना 🙏🙏🙏