गणपती बाप्पा के सभी अंगों के दर्शन जो भी भक्तजन सच्ची श्रद्धा से भक्तिभावना तन मन से आंखों से प्रेमपूर्वक करते हैं ऐसे भक्तो की सारी इच्छा बाप्पा बीना कहे ही पूर्ण कर देते हैं। जीवन में आनेवाली सारी कठिनाइयों को दूर कर देते है।
भक्तो के आत्मबल को बाप्पा इतना मज़बूत कर सकते हैं कि उनकी जीवन की मुश्किलें वे हंसते हंसते पार कर लेते हैं। ऐसे महान है हमारे बाप्पा🙏
गणपती बाप्पा के पीठ के दर्शन नहीं करना चाहिए इसके पीछे भी शास्त्रों मे कारण बताया गया है। पीठ के दर्शन से यहां तात्पर्य आपने देखा होगा कि भक्त जन परिक्रमा करते वक्त मन्दिर के पीछे जहां गणपती बाप्पा का पीठ होता हैं वहां अक्सर माथा टिकाते है और प्रार्थना करते हैं।
गणपती बाप्पा के पीठ में दरिद्रता का वास होता हैं । हम किसी से भी मिलते तो सामने मुख की ओर देखकर बात करते सामने देखकर बात करते हैं।
ज्योतिष शास्त्र में भी यह लिखा है कि कोई भी देवी देवता के पीठ के दर्शन करने से आप स्वयं के लिए दुःख दरिद्रता परेशानियों को निमंत्रण दे रहें हों।
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गणपति बप्पा को मुख्य द्वारा पार किस तरह स्थापना करने से कैसे घर में शुभता आयेगी ये जानने के लिए ये video देखिए।
गणपतिजी भगवान शिव और माता पार्वतीजी के पुत्र हैं। मां पार्वतीजी ने स्वयं गणेशजी के रूप को रचा था। जन्म के वक्त उनका सिर सामान्य ही था परंतु भगवान शिव ने उन्हे हाथी का सिर बादमें लगाए।
आपको पता है हाथी के सिर लगाने के पीछे भी हम मानव जाति को एक संदेश है बल्कि गणपति बप्पा के हर अंग के पीछे कुछ ना कुछ संदेश है। गणपतिजी को यू ही नहीं बल बुद्धि और धन का प्रतीक माना जाता बल्कि इसके पीछे भी शास्त्रों में बताया ऐसे अनेक राज छिपे हुए हैं।
उन्हे विघ्नहर्ता भी कहा जाता हैं जिसका अर्थ है विपदाओं को दूर करने वाले इसी कारण से उन्हे पूजा या कोई भी महत्वपूर्ण कार्य शूरू करने के पहले गणपति बप्पा की पूजा की जाती हैं। ताकि कोई भी संकट, अवरोध ना आए और हर कार्य सकुशल मंगल सफलतापूर्वक संपन्न हो सके। हर भारतीय हिंदू धर्म के लोगों के मुख्य द्वार पर गणपतिजी की मूर्ति स्थापित की जाती हैं चाहें मन्दिर हो या किसी का भी घर।
सुख करता दुःख हरता ॐ जय गणपति बाप्पा मोरया मंगल मूर्ति मोरया।

गणपति बप्पा पधारो हर घर घर में
गणपति बाप्पा का प्रिय वाहन मूषक है और मोदक भी बहुत प्रिय हैं। इसके पीछे भी एक संदेश हम मानव जाति के लिए छीपा हुआ है जो हमे जीवन में दिशा निर्देश देता है कि हम कैसे अपने emotions और health को कैसे balance रखे ताकि एक स्वस्थ जीवन व्यतीत हो सकता है।
मूषक
मूषक हमे अपने negative thoughts and negative emotions पर control करने के लिए संदेश देते है। यदि हमे जीवन में किसी कारण से कोई व्यक्ती पसंद नहीं है तो हम मन ही मन उसे negative कुछ ना कुछ कुछ कहते रहते।
कभी कभी उसका बुरा हो जाए नाकामयाब हो जाए इस तरह की बददुआ भी देते और ऊपर से उससे सामान्य ही react करते हैं। पर कहीं न कहीं अनजाने में हम खुद के लिए बुरे कर्म को create कर रहें जो हमे ही भोगना ये तो निश्चित ही है।
इसीलिए हमे सबको माफ करने की प्रवृत्ति रखनी चाहिए जो हुआ उसे वहीं समाप्त कर जीवन में आगे बढ़ जानें के संकेत गणपती बाप्पा का वाहन मूषक हमे दे रहें हैं।
Negative emotions में मूषक हमे ये संदेश दे रहें हैं कि यदि कोई चीज खाने से हमारी health पर बुरा असर हो रहा है या वह खाना हमारे health के लिए suitable नहीं तो हमे ऐसा खाना ही त्याग देना बेहतर होगा।
सबसे पहले मनुष्य का होता हैं tongue control जिस मनुष्य को tongue control वह अपने emotions पर मेरा कहने का मतलब सिर्फ़ भोजन से नहीं बल्कि सारे भावनाओं पर वह काबू पा लेता है और एक संतुलित जीवन जी सकता हैं।
मोदक
गणपती बाप्पा को मोदक बहुत प्रिय हैं इसलिए प्रसाद मे अधिकतर मोदक ही चढ़ाया जाता हैं। मोदक भी दो शब्दों से बना है मोद और अक ।
मोदक का अर्थ है खुशी और अक का अर्थ है धतूरा। जीवन में सदा खुश रहने के लिए हमे पांच विकारों को हमेशा के लिए हमारे जीवन से दूर करना होगा वह हैं काम, क्रोध, मोह , लोभ और अहंकार। इन पांचों के त्यागते ही मनुष्य एक सुखी और संतुष्टि भरा जीवन यापन कर सकता है।
हर वर्ष गणपति बाप्पा को बड़े प्यार से सम्मान के साथ गाजे बाजे के साथ खुशी से गणपति बाप्पा को अपने घर में ले आते है। उनकी बड़े प्यार श्रध्दा से उनकी सेवा पूजा आरती करते हैं। उनके पसंद का भोग भी लगाते हैं। उन्हे खुशी से नाचते गाते विसर्जित भी करते है इसके पीछे यही संदेश है कि हम अपनी कमियों को दूर करने की कोशिश करे और बुराई जो हमारे अंदर छिपी हुई है उसे खत्म करे। दुश्मनी भेदभाव यदि मन में हैं उसे समय रहते जड़ से उखाड़ कर फेक देना अच्छा है। गणपत्ति बाप्पा के विसर्जन के साथ अपनी बुराईयो को भी विसर्जित कर दें। गणपत्ती बाप्पा हर घर घर में सबको धन धान्य समृद्धि से परिपूर्ण करने आते हैं और करके चले जाते है। स्थापना और विसर्जन के साथ संदेश भी छोड़ जाते हैं हर भक्त के मन में।
गणपति बप्पा तू हमेशा मेरे साथ रहे
गणपति बाप्पा के तीन हथियार है। कुल्हाड़ी, फंदा और गदा आइए इन तीन हथियारों का भी क्या अर्थ है जो हम मानव जाति को क्या संदेश देते हैं ये अभी जानते हैं।
कुल्हाड़ी व्यक्ति के अंदर छिपे हुए अहंकार को सदा के लिए काटने की ओर इंगित करती हैं।
फंदा व्यक्ती की इच्छाओं आकांक्षा को नियंत्रण में रखने के लिए इशारा करता है। कहते हैं जितनी चादर हैं उतना ही पैर पसारे कहने का तात्पर्य यह कि कि जितनी कमाई उतना ही खर्च करना। कमाई से ज्यादा खर्च करना मतलब कर्ज के बोझ तले दबना, कर्ज से ज़िंदगी बोझिल लगने लगती है।
गदा का आकार ऊपर एकदम गोलाकार और बडा होता हैं । नीचे एकदम डंडे के समान एक जैसे और लम्बा सा। कहने का मतलब भावनाओं को अपने वश में करना ना की भावनाओं के अधीन या वश में होना। मन में संतोष महसूस करना और भावनाओं को सही दिशा देना ताकि जीवन व्यवस्थित सुकून शांति से जीवन व्यतीत कर सके।
गणपति बाप्पा की हर वस्तु कुछ ना कुछ हमे संदेश देती हैं और जीवन को मार्गदर्शन दिखाते हैं। हर भक्त के रोम रोम से यही निकलता है और आत्मिक इच्छा भी यहीं रहती की बाप्पा हमेशा तू हमारे साथ रहे और बाप्पा भी अपने भक्तो का ख्याल रखते हैं सुरक्षा कवच रहती हैं हमेशा बाप्पा की साथ मे हर वक्त भक्तो के साथ।
प्रिय गणपति बाप्पा के भक्तो को कैसे लगी जानकारी हमारे प्यारे गणपति बाप्पा मुझे ज़रूर बताएं। आप sarvamangalye kalpvriksh यन्त्र जो आपकी सारी परेशानियों को दूर करने में मदद कर सकता है उसकी सारी जानकारी आप देख सकते है।https://swahaam.co.in/2021/04/05/श्री-यंत्र।-सर्व-मांगलय/
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