अध्यात्म को जानना है तो ध्यान की अवस्था में खुद को उतारना। ध्यान करते वक्त अध्यात्म का आनंद उठाने के लिए स्वयं को समर्पित अध्याात्म के पथ पर अग्रसर होना होता हैं। ये ऐसा निश्चल और अथाह गहरा सागर जिसमे से ध्यानी की एक बार अंदर डुबकी लगाने के बाद बाहर आने की इच्छा ही नहीं हो सकती। ध्यान एवम एकाग्रता से इस पथ पर चलने से ध्यानी को ध्यान के चमत्कारिक अनुभव की प्राप्ति हो सकती हैं।
ध्यान करने के फायदे
- आप पूरे दिन खुद मे शक्ति स्फूर्ति सा महसूस करेंगे, आप चाहे जितना काम कर लीजिए आप थकान महसूस नहीं करेंगे।
- आपकी निद्रा, आलस्य, डिप्रेशन, क्रोध, चिड़चिड़ाहट, अवसाद, जलन की भावना इत्यादि सब अपने आप ही कम हो सकता हैं।
- आप सारे दिन जो भी काम करोंगे संपूर्ण समर्पण भावना से कर सकते हो, हर कार्य में संलग्न होकर पूरे दिल से fully charged
- जो लोग आपका अच्छा नहीं चाहते उपरी दिखावा के रिश्ते रखते या जो लोग आपको अच्छे नहीं लगते उनके साथ आपको रिश्तों को बोझ ढोना पड़ रहा है इस प्रकार के सभी लोग आपकी ज़िंदगी से अपने आप ही कटते चले जाएंगे।
- कोई आपको धोखा दे रहा है झूठ बोलकर फसाना चाहता है। ध्यान करने के फायदे से आप मे इतना पॉवर आ सकता हैं की ऐसे चीटर को पहचानकर आसानी से ऐसे लोगो के चंगुल से बाहर निकल सकते हो।
- नकारात्मक लोगो के बीच में रहते हुए भी उनकी नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव आपके उपर नहीं आ सकता।
- ध्यान में लगातार नियमित रूप से करने से हमारे पूर्व जन्म में किए गए ध्यान से जो भी Healing power’s प्राप्त की थी वह इस जन्म में पुनः प्राप्त की जा सकती हैं। एक एक miracles भी हो सकते जीवन में जो की कोई सोच भी नहीं सकता। ऐसे ऐसे ध्यान के चमत्कारिक अनुभव हो सकते है।

ध्यान क्या है
ध्यान वह अवस्था है जिसमे ना शरीर को ना ही दिमाग को कुछ नहीं करना होता हैं बस कुदरत के साथ बहना ही ध्यान हैं। हम सभी जानते हैं ये हमारा शरीर पंचतत्व से बना हुआ है।
हमे जन्म से हमारे अंदर कई छिपी हुई सुप्त शक्तियां हैं। यदि आपकी अभी इस वक्त ध्यान की ईच्छा जागृत हुई हैं चाहे जो भी उम्र हो उससे ध्यान करने का कोई वास्ता नहीं है महत्व तो ये है आप जागृत हुए आप ध्यान क्या है जानकर गहराई में जाना चाहते हो।
इसी बात पर आपको बहुत बहुत बधाई सबसे पहले 👏👏🙏 इसका आशय यही है की आप पूर्व जन्मों में भी ध्यान कर चुके हो। वही इच्छा वहीं आदत आपकी पुनः जागृत हुई। ध्यान हमे कुदरत से जोड़ता है।
अब आपको कैसे समझना है कि आप ध्यान की गहराई में पहुंच रहे हों। जब आपका मस्तिष्क निर्विचार की अवस्था में पहुंच जाए तो समझिए आप ध्यान की पहली सीढ़ी चढ़ चुके हों। ध्यान करते करते ध्यान के चमत्कारिक अनुभव से लाभ होना शुरू हो सकता हैं।
ध्यान अनुभव
ध्यान में आपको यह महसूस होने लग जाए एक निर्विचार की अवस्था में पहुंचने के बाद एक blankness और साथ ही समय कितना व्यतीत हुआ इसका पता भी नहीं चल सके , घंटो आप एक ही पोजीशन में बीना हिले डुले बैठे हुए हैं समझ लीजिए आप ने ध्यान की गहराई में उतरने की बाजी मार चुके हो।
अब एक एक miracle होना शुरू हो सकता है आपके जीवन में यह मेरा खुदका अनुभव साझा कर रहीं हूं तभी तो इतना confidently कहा मैने। पूर्व जन्म के शक्तियां, पूर्व जन्म में जो मंत्र सिद्ध किए वह सिद्ध किए मंत्रो के साथ उनकी शक्तियां भी प्राप्त हो सकती हैं।
ध्यान कीअवस्था में आपको अशरीर सा महसूस हो सकता हैं। ध्यान एवम एकाग्रता से आपका किया हुआ ध्यान में आप जरुर सफल हो सकते है। ध्यान में बैठे हुए ही यह अनुभव हो आपका शरीर गायब हो चूका है।
शरीर कहा है वह भी पता नहीं चलता, एक शून्य की अवस्था में पहुंच जाए और यहीं हैं ध्यान। बाहर की दुनिया में कितना भी शोर पर एक ध्यानी जब ध्यान करते तो अंदर उसके असीम शांति होती हैं। ना बाहर की कुछ आवाज सुनाई देती है ना ही अंदर सी शोर मचा होता हैं। एक silence की अवस्था को ही कहते हैं ध्यान।

conclusion
दोस्तों आपको मेरी यह जानकारी कैसी लगी मुझे जरूर कमेंट्स करके बताएं, दोस्तों ये तस्वीर ऊपर दी गई है मेरे भाई की हैं। इन्होंने भी आध्यात्मिक राह पर चलकर जीवन की कई मुश्किलों को हल किया है।
ध्यान करना कोई मुश्किल कार्य नहीं है बस आप अंदर से आत्मिक इच्छा से तैयार हों जाइए। रोज ध्यान लगाते लगाते आप सच में एक सफल ध्यानी बन सकते हो। फिर आप ही देखिए जीवन में भी आप सफलता की ऊंचाइयों पर पहुंच सकते हो।
हर समस्या का हल आपके अंदर से आपके अंतरात्मा से जवाब मिल सकता हैं। दोस्तों जब जागो तब सवेरा देर किस बात की चलिए फिर ध्यान करते हुए ध्यान के चमत्कारिक अनुभव भी देखते जाइए।
ॐ नमः शिवाय
जय श्री कृष्णा 🙏