आपको एक मुख्य बात बताती हूं दाहसंस्कार से लौटते वक्त कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखना चाहिए बल्कि बिना पीछे मुड़कर या सर को बिना इधर उधर घुमाए सीधा सामने देखकर अपने घर पहुंचकर स्नान इत्यादि से निवृत्त होकर स्वच्छ करना चाहिए। इसके पीछे भी एक बहुत बड़ा logic है जो कि बिलकुल सत्य है। आइए जानते हैं क्या हैं?

हमारे हिंदूधर्म में शव को जलाने की प्रथा के पीछे भी बहुत बड़ा तथ्य है वैसे तो हम सब जानते हैं किसी भी आत्मा को यह संसार त्याग कर जाना आसान नहीं है। शव जलाकर आत्मा को यह संदेश दिया जाता हैं कि अब इस दुनिया में तुम्हारा कुछ भी नहीं है। शरीर जिस पर सिर्फ तुम्हारा अधिकार था उसे भी जलाकर भस्म कर दिया गया है अब सब मोह माया त्यागकर वैकुंठ धाम की यात्रा की ओर चले जाए। आगे के कर्मो को पुरा करे।

जन्म और मृत्यु
मृत्यू की सच्चाई जब कोई जीवात्मा जिस शरीर में वास कर रहीं हैं उस शरीर को हमेशा के लिए छोड़ने के लिए निश्चय करती हैं यहीं हैं मृत्यु।
जब कोई जीवात्मा को शरीर छोड़ना है उसके तैयारी वह कई दिन पहले से ही करना शुरू कर देती हैं। जब उसे यह लगने लगता हैं की इस शरीर के साथ अब मेरा सफर खत्म हो चूका है तो वह अंदर ही अंदर सबसे detachment मे जाना वह जीवात्मा का शुरू हो जाती हैं ये प्रक्रियां अपनेअाप ही होने लगती हैं।
मृत्यू और जन्म ये भी एक एक सफर हैं कहते हैं कि जिस प्रकार से मरते वक्त जैसे विचारधारा होगी हमे अगले जन्म की प्राप्ति उसी अनुसार हो सकती हैं। अथवा जीवात्मा के जेसे कर्म किए होंगे वैसे विचाधारा बनेगी इसलिए कर्मों का बहुत बड़ा योगदान है इस जन्म मृत्यू के चक्र में।

राम नाम सत्य का अर्थ क्या है
हमारे हिंदू सनातन धर्म में किसी भी व्यक्ति की मृत्यू होने के बाद शव ले जाते वक्त कहा जाता हैं राम नाम सत्य है। इसके आगे का अगला वाक्य है सबकी यहीं गत्य हैं इसका अर्थ यहीं हैं कि आज हम हमारे कंधे पर किसी और का शव ले जा रहें हैं।
आज हम उसकी शवयात्रा में शामिल हुए हैं कल हमारी भी गति इसी प्रकार हो सकती हैं। मृत्यू एक अटल सत्य है जिसने जन्म लिया है उसकी मृत्यू भी जन्म के वक्त ही निश्चित हो चुकी होती हैं। हम अभी जीवित हैं क्योंकि हमारे शरीर मे जीवात्मा वास कर रहीं हैं जैसे ही जीवात्मा शरीर छोड़ देती हमारी भी मृत्यू तय है। हमारे भी शरीर को भी अग्नि को समर्पित किया जायेगा।

इसलिए राम का नाम ही सत्य है बाकी सब असत्य है यह समय रहते समझा जाय इश्वर की ध्यान आराधना की जाए तो मृत्यू के बाद भी हमे सही गति मिल सकती हैं।
राम नाम सत्य है सबकी यही गत्य हैं का अर्थ है सबकी यही गति एक ना एक दिन होने वाली सिर्फ राम का नाम ही शाश्वत बाकी सब असत्य अशाश्वत है। शास्त्रों में भी लिखा है किसी और की शवयात्रा देखना शुभ है। उधर ही खड़े होकर प्रणाम करने से हमे हमारे कष्टों से भी मुक्ति मिलती हैं। राम नाम सत्य कहने से सब के एक साथ में तो महाऊर्जा निर्मित होती है। जो आत्मा अभी अभी शरीर छोडी हैं यदि वह मोह माया के कारण मृत्यु के बाद की यात्रा प्रारंभ नहीं कर पा रही है यह राम नाम सत्य कहने से वह आत्मा का भी अवरोध हटता है साथ जो शवयात्रा ले जा रहे उन्हे भी सुरक्षा कवच का काम करता है बुरी शक्तियों से और भी डिटेल इस वीडियो में देखिए।
पढ़ने के लिए धन्यवाद🙏🙏
हरे कृष्ण राधे कृष्ण
ॐ नमः शिवाय 🙏🙏🙏🙏