
मंत्र शक्ति का प्रभाव
कोई भी मंत्र किसी भी देवी देवता का उस मंत्र का दूसरे पर या ब्रह्मांड में वह सब बाद में होगा पर उसका प्रभाव सबसे पहले आप पर होगा । आपकी जैसी आस्था और विश्वास भावना होगी वैसे ही फल की आप उम्मीद आप उस मंत्र जप से कर सकते हैं।
आपके अंतर्मन में भावना वह भी सच्ची भावना उत्पन्न होना जरूरी है। भावना ही श्रद्धा की वह सीढ़ी है जिसपर से होकर आपकी सिद्धि प्राप्ति तक पहुंच सकते हैं ऐसा मुख्य संदेश हमारे शास्त्रों में भी वर्णित हैं।
मंत्र शब्द का तात्पर्य क्या हैं?
म से मनन करना, त्र से तात्पर्य शक्ति का संचार करना। मनन करते हुए शक्ति का संचार करना मुक्त होना मोह से माया से मन से मुक्त होना।
मंत्र एक प्रकार से शब्दों को संचय कर बनाया गया है। आप कोई भी मंत्र करिए हर मंत्र की ऊर्जा होती हैं शक्ति होती हैं।
बार बार मंत्र उच्चारण से एक ऊर्जा शक्ति आप के आसपास आभामंडल के सकारात्मक ऊर्जा बनने लगती हैं।मंत्र उच्चारण करते हुए अध्यात्मिक उन्नति होती ही है साथ ही जीवन में अनेकों बदलाव भी होने लगते है।
जो प्रत्यक्ष तो दिखाई नहीं देते पर अप्रत्यक्ष रूप में हमारा उद्धार कुदरती तौर पर हो रहा होता। आभामंडल में संचित ऊर्जा वह इस जन्म ही नहीं बल्कि अगले सभी जन्मों में भी यह ऊर्जा शक्ति साथ रहती हैं।
मंत्र विज्ञान
हमारे मुंह से निकले , दिमाग में विचारो से उत्तपण कोई भी शब्द की ऊर्जा ब्रह्मांड में जाती हैं वहां एक ऊर्जा चक्र निर्मित होता हम जैसा चाहते वैसा वह ऊर्जा चक्र तैयार होता है।
हमारे लिए रिटर्न हमारे पास आता है हमारी जिंदगी में हमारे ही सोच से को निर्माण हुए वैसी ही क्रिया , घटनाएं जीवन में घटना शुरु हो जाती हैं।
कई बार हम खुद से ही कहते रहते मुझे तो सफलता मिल ही नहीं रही। मुझे तो पैसे की दिक्कत ही रहती । ऐसा खुद से भी बार कहा हुए हमे ही लगता है हमारी जिंदगी में रुकावट आती रहती कहने का तात्पर्य यही है कि हम ही हमारे जीवन के निर्माता।
सोच का भी हमारे चेतन और अवचेतन मन दोनों पर गहरा प्रभाव छोड़ता है।
मंत्र की ऊर्जा जो निर्मित होती उसकी मदद से हम किसी के भी अवचेतन मन को संदेश दे सकते है। मानिए कोई आपसे दूर कहीं रहता हो या फिर आपके किसी प्यारे दोस्त से अनबन हो गई किसी कारणवश कुछ गलतफहमी हो गई मनमुटाव के कारण बातचीत बंद हो गई ।
अब भी आप चाहते हो गलतफहमी दूर हो आपसे फिर से दोस्त बन जाए पर आपका दोस्त नहीं चाहता ऐसे हालातो में भी आप दोस्त के अवचेतन मन को संदेश देकर संधि का संदेश भेज सकते हो ।
जो कि चेतन मन को अवचेतन मन से संदेश मिलते ही दोस्त की भी एहसास होगा चलो एक बार करे क्या हुआ मेरा प्यारा दोस्त ऐसा नहीं ।
इस तरह के सकारात्मक सोच आने से बातचीत शुरू होने से मनमुटाव भी दूर होगा दोस्ती पक्की दोस्ती में परिवर्तित हो सकती हैं। ये तो एक उदाहरण दिया आपको इस तरह से मंत्रो की ऊर्जा भेजकर आप समस्या का समाधान निकाल सकते हो।
मंत्र में इतनी अपार शक्ति है जो ऊर्जा निर्मित होकर ब्रह्मांड में विचरण करते है।


मंत्र और साधना
हमारे हिंदू सनातन धर्म में मंत्र जपना इसको बहुत ही महत्वपूर्ण क्रिया माना गया हैं। कोई भी मंत्र हो जिस उद्देश्य से आपने शुरू किया है उसका फल निश्चित मिलता ही है इसमें कोई भी शक की गुंजाइश नहीं है।
मंत्र मे वह शक्ति है जो हर एक की हर मनोकामना पूर्ण कर सकता है। मंत्र का अर्थ ही है हमारे मन के भटकाव को रोककर एक जगह पर ध्यान केंद्रित करना यानी मन एक यंत्र मे लाना ही मंत्र है।
सभी विचारो को मस्तिष्क से विलीन कर मंत्र के लय में मन को बांधना ही मंत्र का एक मात्र लक्ष्य है। यदि आपका दिमाग पूरी तरह से उस मंत्र जप मे लग चुका है मस्तिष्क में विचारो का जमावड़ा खत्म हो चुका तो कहते है मंत्र सिद्धि प्राप्त करने की पहली सीढ़ी आप चढ़ चुके है।
Continue वह मंत्र जपते रहने से मंत्र इस तरह मन मस्तिष्क में जम जाता हैं कि आपकी अंतर्मन में यानी आप की आत्मा में वह निरंतर जारी रहता है चाहे आप नींद में सो भी रहे हो तो भी मंत्र उच्चारण बिना किसी भी रुकावट के आरंभ रहता है चाहे बहार शरीर से आप कोई भी कार्य कर रहे हो।
मंत्र जाप के प्रभाव से भाग जाते हैं दुःख , चिंता और भय
हमारे हिंदू धर्म में अधिकतर मंत्र संस्कृत में ही लिखें गए हैं साथ ही साधक को उसका अर्थ ना भी समझ रहा तो भी वह अपनी उद्देश्य पूर्ति भी कर सकता है और उच्च साधना द्वारा सिद्धि भी प्राप्त कर सकता है।
इससे अच्छी ऐसे सटीक सुविधा पूर्ण उपलब्धि हमारे शास्त्रों में एवम पूर्वजों ने हमारे कर चुके है बस हम जाप मात्र शुरू करते ही मंत्रो के अस्तित्व की अनुभूति शुरू हो सकती हैं।
1.चिंताओं और विषाद से मुक्ति
दिमागमें विचारो का कोलाहल आजकल की दिनचर्या का आम हिस्सा बन चुका है। पर इन चिंता विषाद से हमेशा के लिए मुक्ति की इच्छा रखने वाले यदि रोज की दिनचर्या मे मंत्र जाप को शामिल कर लेते है तो ।
आपके शरीर के रसायन सही तरीके से बनने लगती हैं। मंत्र के जो vibration निर्मित होते है और मंत्र उच्चारण से ऊर्जा शक्ति ध्वनि, श्वास तथा लय के योग से वह आपके पूरे शरीर और मन में प्रवाहित होने से एक संतुलन बन जाता हैं।
2.अशांति का शमन कर शांति दिलाता है
नियमित मंत्रजाप से ये जीवन अपितु मन का भी तारणहार है। ये मन में बसी अशांति के वेग को शांत कर शांति और सद्भावना के भाव को जागता है। ये कठोर स्वभाव के व्यक्ती मे भी नम्रता को स्थापित कर सक्ता है।
यह मन की एकाग्रता को बढ़ाकर जीवन को सही मार्ग पर संलग्नता के लिए प्रेरित करता है। मानसिक तनाव को दूर कर मानसिक संतुलन स्थापित करता है।
3. भयमुक्त होकर आत्मबल मिलता है
मंत्र एक तरह से एक प्रार्थना है। यह एक प्रार्थना की तरह ही कार्य करता है। निरंतर मंत्र जाप से एक विचित्र किन्तु बहुत ही अच्छी प्रेरणादायक आत्मबल की वृद्धि हो सकती हैं।
जिसके वजह से साधक के मन में कोई भय व्याधि व्याप्त नहीं रह पाती। जीवन की हर कठिनाइयों को पार करने में हर तरह से खुदको सक्षम पाता है।

Conclusion
हमने इस में मंत्र शक्ति से किस तरह लाभान्वित हो सकते है संक्षिप्त मे बताने की कोशिश की हैं। कहने का तात्पर्य यही है कि हमारे शास्त्रों में हिंदू सनातन धर्म में पूर्वज और ऋषि मुनि ने ऐसा अद्भुत चमत्कार पूर्ण प्रस्तुति उपहार में दी जिसका सही तरीके से उपयोग करें तो संसार मे दुःख भी नाम मात्र को रह सकता है।
आपको जानकारी कैसे लगी comments जरूर करें और हमेशा खुश रहिए, आपको ईश्वर हर प्रकार की खुशियां दे।
जय श्री कृष्णा
ॐ नमः शिवाय 🙏🙏🙏🙏